POLITICS : राजनीति की बिसात में प्यादे का मुकाबला वजीर से...

जगदलपुर। बस्तर लोकसभा सीट इस बार भाजपा और कांग्रेस के लिए हाई प्रोफाइल बन चुका है। हिंदुत्व के बुते अपनी छवि चमकाने वाली पार्टी ने इस बार एक अदने से छवि को दांव पर लगाया है। यह दूसरा मौका है जब भाजपा ने अभनपुर से एक सरपंच को विधानसभा की सीट पर दांव लगाया था और एक बार फिर से आश्चर्यजनक नाम को सामने लाकर सबको चौंका दिया है। 


बस्तर लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। फ़िलहाल वर्तमान में कांग्रेस से दीपक बैज यहां सांसद है, इस सीट पर कब्ज़ा करने के लिए भाजपा ने एक नए चेहरे महेश कश्यप को मौका दिया है। 

 
सरपंच रह चुके महेश कश्यप अब सांसदी का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। महेश कश्यप की राजनितिक सफर पर नजर फेरें तो 1996 से लेकर 2001 तक वो बजरंग दल के संयोजक रहे, उसके बाद 2001 से 2007 तक विहिप के जिला संगठन मंत्री रहे। फिर महेश 2007 से 2008 तक विहिप के विभाग संगठन मंत्री रहे। इसके आलावा 2014 से 2019 तक ग्राम कलचा के सरपंच और बस्तर सरपंच संघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। बता दें कि भाजपा की सूचि में महेश कश्यप दूसरा वह शख्स है जो सरपंच के बाद सीधे सांसद का चुनाव लड़ रहे है। 

यहाँ पर उनका मुकाबला बस्तर कांग्रेस विधानसभा चुनाव में लगातार 6वीं बार जीत हासिल कर चुके; वर्तमान विधायक कवासी लखमा से है। चूँकि कवासी लखमा की छवि एक अजेय योद्दा की बन चुकी है और वे एक साफ सुथरी छवि वाले जनप्रिय नेता है, जिनसे महेश कश्यप का मुकाबला है, और देखा जाए तो महेश कश्यप कवासी लखमा को पटखनी देते नजर आ रहे हैं लेकिन देखना यह होगा कि जीत का सेहरा किसके माथे बैठेगा।




 

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